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​उत्तरं यत समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणं।
वर्षं तद भारतं नाम भारती यत्र संततिः।।

"जो समुद्र के उत्तर एवं हिमालय के दक्षिण में स्थित है उसका नाम भारत तथा यहाँ के लोग भारतीय हैं "

हमारी संस्कृति

कई सारे युग आये और गये लेकिन कोई भी इतना प्रभावशाली नहीं हुआ कि वो हमारी वास्तविक संस्कृति को बदल सके। नाभिरज्जु के द्वारा पुरानी पीढ़ी की संस्कृति नयी पीढ़ी से आज भी जुड़ी हुयी है।

भारत एक विविध संस्‍कृति वाला देश है, एक तथ्‍य कि यहां यह बात इसके लोगों, संस्‍कृति और मौसम में भी प्रमुखता से दिखाई देती है। हिमालय की अनश्‍वर बर्फ से लेकर दक्षिण के दूर दराज में खेतों तक, पश्चिम के रेगिस्‍तान से पूर्व के नम डेल्‍टा तक, सूखी गर्मी से लेकर पहाडियों की तराई के मध्‍य पठार की ठण्‍डक तक, भारतीय जीवनशैलियां इसके भूगोल की भव्‍यता स्‍पष्‍ट रूप से दर्शाती हैं।

Indian Sadhu

नमो नमः

एक भारत, नेक भारत, अनेक परंपराएं

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