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मंदिर
सत्यमेकं परो धर्मः सत्यमेकं परं तपः ।
सत्यमेकं परं ज्ञानं सत्ये धर्मः प्रतिष्ठितः ॥
“एकमात्र सत्य ही परम धर्म है। एक सत्य ही परम तप है। केवल सत्य ही परम ज्ञान है और सत्य में ही धर्म की प्रतिष्ठा है।
भारतवर्ष में अद्भुत शैलियों के साथ मंदिर निर्माण की शुरूआत चौथी से छठी शताब्दी के बीच गुप्तकाल के दौरान हुई थी।
ऐसा माना जाता है कि इससे पहले भारत में लकड़ी के मंदिर बनते थे। गुप्त काल के बाद भारत में पत्थर और ईंटों से मंदिर निर्माण की शुरूआत हुई।

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