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प्रतिदिन पढने वाले श्लोक

प्रातः स्मरण मंत्र

प्रात: हाथ(कर)- दर्शनम्

          कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।

          करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥

अर्थ- हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी, मध्य में सरस्वती तथा मूल में गोविन्द (परमात्मा ) का वास होता है। प्रातः काल में हाथों का दर्शन करें ।

                         

नमो नमः

एक भारत, नेक भारत, अनेक परंपराएं

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